01 अक्टूबर 2020

अहिंसा एक दर्शन है, एक सिद्धांत है और एक अनुभव है जिसके आधार पर समाज का बेहतर निर्माण करना संभव है- राष्ट्रपिता महात्मा गांधी

 


राष्ट्रपिता  महात्मा गांधी की जयंती हर साल 2 अक्टूबर (2 October) को पूरे देश में धूमधाम से मनाई जाती है महात्मा गांधी का जन्म 2 अक्टूबर 1869 को गुजरात के पोरबंदर में हुआ था. इसलिए इस दिन ही गांधी जयंती मनाई जाती है. पर काफी कम लोग जानते हैं कि 2 अक्टूबर को हर साल विश्व अहिंसा दिवस के रूप में भी मनाया जाता है.इस दिन पूरा देश महात्मा गांधी यानी बापू को याद करता है. जगह-जगह कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं. हालांकि इस साल कोरोना के कारण ये कार्यक्रम होंगे या नहीं, इस पर संशय है, पर लोगों के मन में उत्साह बिल्कुल कम नहीं है..

हर साल महात्मा गांधी के जन्मदिन के मौके पर भारत में 2 अक्टूबर को गांधी जयंती मनाई जाती है. . मां का नाम पुतलीबाई और पिता का नाम करमचंद गांधी था. दुनिया भर को अहिंसा का मंत्र देने वाले महात्मा गांधी की 151वीं जयंती 2 अक्टूबर, 2020 को मनाई जाएगी. वह भारत एवं भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे. वे सत्याग्रह (व्यापक सविनय अवज्ञा) के माध्यम से अत्याचार के प्रतिकार के अग्रणी नेता थे, उनकी इस अवधारणा की नींव सम्पूर्ण अहिंसा के सिद्धान्त पर रखी गयी थी जिसने भारत को आजादी दिलाकर पूरी दुनिया में जनता के नागरिक अधिकारों एवं स्वतन्त्रता के प्रति आन्दोलन के लिये प्रेरित किया. 

महात्मा गांधी का पूरा नाम मोहनदास करमचन्द गांधी था. उन्होंने अहिंसा आंदोलन के दम पर अंग्रेजों से देश को आजाद करा दिया था. बापू आज भी लोगों के दिलों में जिंदा हैं.

महात्मा गांधी काफी पढ़े-लिखे थे. उन्होंने लंदन में कानून की पढ़ाई की थी. लंदन से बैरिस्टर की डिग्री हासिल कर उन्होंने ‘बाबू’ बनना उचित नहीं समझा, बल्कि अपना पूरा जीवन देश के नाम समर्पित कर दिया.देश की स्वतंत्रता के लिए उन्होंने लंबी लड़ाई लड़ी. गांधी जी के प्रयासों के चलते ही आज हम आजाद देश हैं

गांधी जी विश्व भर में उनके अहिंसात्मक आंदोलन के लिए जाने जाते हैं और यह दिवस उनके प्रति वैश्विक स्तर पर सम्मान व्यक्त करने के लिए मनाया जाता है. गांधी जी कहते थे कि अहिंसा एक दर्शन है, एक सिद्धांत है और एक अनुभव है जिसके आधार पर समाज का बेहतर निर्माण करना संभव है.

गांधी जयंती  पर गांधी जी के बारे में कुछ रोचक बातें-

 महात्मा गांधी लंदन में कानून की पढ़ाई करने और बैरिस्टर बनने के लिये गए थे. उन्होंने लंदन में पढ़ाई कर बैरिस्टर की डिग्री प्राप्त की थी, लेकिन बंबई उच्च न्यायालय में हुई पहली बहस में वे असफल रहे थे.

 दुनिया की सबसे बड़ी मोबाइल कंपनियों में से एक एप्पल के संस्थापक स्टीव जॉब्स गांधी जी को सम्मान देने के लिए गोल चश्मा पहनते थे.

 भारत में छोटी सड़कों को छोड़कर महात्मा गांधी के नाम पर 50 से ज्यादा सड़के हैं. साथ ही गांधी जी के नाम पर विदेशों में करीब 60 सड़के हैं.

 महात्मा गांधी को 5 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था, लेकिन उन्हें एक बार भी नोबेल पुरस्कार नहीं मिला. 

 बापू रोज 18 किलोमीटर पैदल चलते थे.गांधी जी का जन्म शुक्रवार को हुआ था, भारत को स्वतंत्रता शुक्रवार को ही मिली थी तथा गांधी जी की हत्या भी शुक्रवार को ही हुई थी. 

– गांधी जी की माता पुतलीबाई, उनके पिता करमचंद गांधी की चौथी पत्नी थीं. पुतलीबाई अत्यंत धार्मिक महिला थीं और उनकी दिनचर्या घर और मंदिर में ही बंटी हुई थी. मोहनदास उनकी आखरी संतान थे...

– मोहनदास का विवाह मात्र 13 वर्ष की आयु में कर दिया गया था. उनकी पत्नी का नाम कस्तूरबा गांधी था और वे उम्र में गांधी जी के समकक्ष ही थीं . लगभग 62 वर्ष की आयु तक उन्होंने वैवाहिक जीवन बिताया.

– गांधी जी के प्रभाव के बारे में अर्नाल्ड टायनबीन ने लिखा कि – ‘हमने जिस पीढ़ी में जन्म लिया है, वह न केवल पश्चिम में हिटलर और रूस में स्टालिन की पीढ़ी है, वरन वह भारत में गांधी जी की पीढ़ी भी है और यह भविष्यवाणी बड़े विश्वास के साथ की जा सकती है, कि मानव इतिहास पर गांधी जी का प्रभाव स्टालिन या हिटलर से कहीं ज्यादा और स्थायी होगा.

– गांधी जी की हत्या बिरला भवन के बगीचे में हुई थी.

– महात्मा गांधी की मृत्यु के बाद उनके शव यात्रा में 10 लाख लोग शामिल हुए. 15 लाख लोग शव यात्रा के रास्ते में खड़े हुए थे. उनकी शव यात्रा भारत के इतिहास में सबसे बड़ी शव यात्रा थी. लोग खंभों, पेड़ और घर की छतों पर चढ़कर बापू को एक नजर देखना चाहते थे.

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