विश्व हैंड वाशिंग-डे:- बच्चों को साबुन से हाथ धुलाकर स्वच्छता से रहने का दिलाया गया संकल्प।
गोण्डा:- हाथ धोएंगे तो बीमारियों से दूर रहेंगे। लोगों को हाथ धोने के फायदों के प्रति जागरूक करने के मकसद से ग्लोबल हैंड वॉशिंग डे की शुरुआत 2008 में की गई थी। हर साल ग्लोबल हैंडवॉशिंग डे 15 अक्तूबर को मनाया जाता है। अगर आप अपने हाथों को साफ रखेंगे तो आप तंदुरुस्त रहेंगे। खाना खाने से पहले, खाना खाने के बाद और किसी को खाना खिलाने से पहले हाथ जरूर वॉश करें। तभी आप और आपका परिवार बीमारियों से महफूज रह सकता है।कोरोनाकाल में हाथ धोने की अहमियत और ज्यादा बढ़ गई है। डॉक्टर और विशेषज्ञ सलाह दे रहे हैं कि आप को तंदुरुस्त रहना है, तो बार-बार हाथ धोएं। आप जानते हैं कि हैंड वॉश करके श्वसन और आंतों के रोगों को 25-50 फीसदी तक कम किया जा सकता है। इसी क्रम में पतंजलि योगपीठ हरिद्वार के तत्वधान में योगाचार्य सुधांशु द्विवेदी के मार्गदर्शन में चल रहे नियमित योग कक्षा सिसई बहलोलपुर में विश्व हैंड वाशिंग-डे का आयोजन किया गया। इस अवसर पर बच्चों को साबुन से हाथ धुलाकर स्वच्छता से रहने का संकल्प दिलाया गया।योग शिक्षक आदर्श गुप्ता ने बताया की बेहतर स्वास्थ्य पाने का आसान तरीका साफ हाथ हैं। हाथ में ही लंबे जीवन की रेखा है। अधिकतर कीटाणु हाथों के रास्ते शरीर में दाखिल होते हैं। सही समय पर साबुन से अच्छी तरह हाथ धोएं तो डायरिया, कालरा, हैजा, सर्दी-जुकाम,पेट रोग आदि से बचा जा सकता है। खाने के पहले और शौच के बाद जरूर हाथ धोएं। छोटे बच्चों को छूने और खाना खिलाने से पहले बच्चों को मल साफ करने के बाद, बीमार से मिलने के पहले व बाद, कूड़ा-करकट साफ करने के बाद, छींकने व खांसने के बाद जरूर हाथ धोएं।हाथ और कलाई को अच्छी तरह गीला करके साबुन लगाएं। कम से कम 30 सेकेंड तक हथेलियों और उंगलियों को रगड़ें। योग शिक्षक ने हाथ की गंदगी से होने वाली बीमारियों से आगाह किया। योगाचार्य सुधांशु द्विवेदी ने बताया कि बाल मृत्यु दर, सांस से संबंधित बीमारियां और डायरिया पर कंट्रोल करने के लिए इस अभियान की शुरुआत की गई थी। साबुन से हाथ वॉश करना एक आसान काम है, जिसके जरिए सांस से संबंधित रोगों से होने वाली मृत्यु का आंकड़ा 25% तक कम किया जा सकता है। जबकि डायरिया से होने वाली मौत में 50% तक की कटौती की जा सकती है।
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