15 अक्टूबर 2020

जाने- चमत्कारी गुण - सूर्य की किरणें रोगनिवारक होती हैं, जिनके सेवन से शरीर अनेक तरह के रोगों से सुरक्षित रहता है


सूरज की रोशनी में ऐसे चमत्कारी गुण होते हैं, जिनके कारण शरीर पर विभिन्न प्रकार के संक्रमणों के असर की आशंका कम हो जाती है। धूप के सेवन से शरीर में श्वेत रक्त कणों का पर्याप्त निर्माण होता है, जो रोग पैदा करने वाले कारकों से लड़ने का काम करते हैं और आपको चुस्त-दुरुस्त रखते हैं। मौसम चाहे कोई भी हो, सूरज से मिलने वाली धूप का हमारी सेहत के लिए खास महत्व होता है। ठंड में इसका महत्व और बढ़ जाता है, क्योंकि कंपकंपी वाले इस मौसम में इससे शरीर को खास गर्माहट मिलती है। लेकिन मन में एक सवाल उठता है कि धूप का बेहतर लाभ कैसे पाएं 

सूर्य की किरणें रोगनिवारक होती हैं, जिनके सेवन से आपका शरीर अनेक तरह के रोगों से सुरक्षित रहता है।

कैंसर से बचाव

सूरज की किरणों में एंटी कैंसर तत्व होने से कैंसर का खतरा टलता है। जिन्हें कैंसर है, उन्हें धूप से बीमारी में आराम महसूस होता है। शोधों से यह बात सामने आई है कि जहां धूप कम समय के लिए होती है या जो लोग धूप में कम समय बिताते हैं, कैंसर की आशंका वहां ज्यादा होती है।

रक्त संचरण सुधरता है

ब्लड सर्कुलेशन सही तरह से काम करे, इसके लिए शरीर में गर्मी या ऊर्जा की जरूरत होती है। गर्मी मिलने से नाड़ियों में सिकुड़न नहीं होती।

ठीक रहता है हाजमा

हाजमे का काम जठराग्नि द्वारा होता है। पर्याप्त मात्रा में सूर्य की गर्मी लेने से जठराग्नि अधिक सक्रिय होती है और भोजन अच्छी तरह से पचता है। 

मिलती है शारीरिक शक्ति

जब खाना अच्छी तरह से पचेगा और शरीर को लगेगा, तो धातुओं के पुष्ट होने से शरीर में ओज का निर्माण होगा और बल व ताकत बनी रहेगी। 

डिप्रेशन भी दूर होता है

उचित मात्रा में धूप नहीं मिलने से शरीर में सेरोटोनिन नामक हार्मोन की मात्रा कम हो जाता है। इससे डिप्रेशन की आशंका बढ़ जाती है। पूरी धूप मिलने से सेरोटोनिन पूरी मात्रा में बनता है और मानसिक स्थिति ठीक रहती है। धूप सेंकने से मूड भी अच्छा होता है, क्योंकि धूप से  सेरोटोनिन व एंडोर्फिन की उचित मात्रा बनती है और ये हार्मोन हैप्पीनेस पैदा करने के अलावा मनोवैज्ञानिक और भावनात्मक सेहत को चुस्त रखत हैं। यह बॉडी क्लॉक रिद्म को संतुलित रखने में सहायक साबित होती है। धूप सेंकने से नींद की समस्या भी दूर होती है, क्योंकि धूप का सीधा असर हमारे पीनियल ग्लैंड पर होता है। यह ग्लैंड शरीर में मेलाटोनिन नामक हार्मोन बनाता है, जो नींद की गुणवत्ता को तय करता है, सुधारता है।

मनोवैज्ञानिक-मानसिक समस्याएं

धूप सेंकने से एसएडी यानी सीजनल अफेक्टिव डिसॉर्डर और नींद की अन्य समस्या भी दूर होती है।

कितनी देर बैठें धूप में

सूर्य ऊष्मा का स्रोत है। आयुर्वेद के अनुसार, धूप के संपर्क में अधिक देर तक रहने पर शरीर में पित्त की वृद्धि होने लगती है, जिसे अतियोग कहा जाता है।

धूप से उचित लाभ लेने के लिए सप्ताह में कम-से-कम 3-4 बार सुबह या शाम के समय 20 से 30 मिनट गुनगुनी धूप में बैठना अच्छा माना जाता है।

सुबह का समय स्वाभाविक रूप से कफ बनाने वाला माना जाता है। इसलिए बेहतर हो कि 10 बजे के बाद   धूप में बैठें।

वृद्धावस्था में वात दोष की प्रधानता पाई जाती है व शाम के समय वायु दोष स्वभावत: बढ़ा हुआ रहता है। इसलिए बुजुर्गों को दोपहर के समय धूप का लाभ लेना चाहिए।

सामान्य रंग वाले व्यक्ति 30 मिनट, गोरे रंग वाले 15-20 मिनट व सांवले या काले रंग वाले व्यक्ति 30 मिनट  से अधिक भी धूप सेवन कर सकते हैं।

सूर्यकिरणों के लाभ

सूर्यकिरणें रोगों से लड़ने वाले श्वेत रक्तकणों का बढ़ाती हैं। शुद्ध रक्तसंचरण करती हैं तथा रक्त में ऑक्सीजन वहन की क्षमता को बढ़ाती हैं। यकृत में ग्लाईकोजन के संग्रह में वृद्धि करती हैं। आयोडीन व हीमोग्लोबिन की कमी की पूर्ति करती हैं। हड्डियों की मजबूती के लिए आवश्यक हैं। विटामिन डी सूर्यकिरणों से सहज में प्राप्त होता है। मधुमेह में रक्तगत शर्करा की मात्रा कम करने में सूर्यकिरणें इंसुलिन का काम करती हैं। स्त्रियों का हार्मोन स्तर संतुलित रखती हैं।  सूर्यस्नान से यौन व प्रजनन क्षमता बेहतर बनती है। सूर्यकिरणों से जीव-विष (टाक्सिनज़) दूर करने की अपूर्व शक्ति है। सूर्यप्रकाश में हानिकारक जीवाणुओं की उत्पत्ति नहीं हो पाती। 

शीतकाल में सूर्य प्रकाश लेने की विधि 

प्रातः काल उगते सूर्य की रोशनी में प्रति दिन ३० मिनट प्राणायाम करें । यदि सर्दी अधिक हो तो गहरा लम्बा साँस ना लें। आप संध्या / ध्यान भी धूप   में बैठ कर कर सकते हैं । प्राणायाम के वाद धूप में ही   ३० मिनट योग आसन व्यायाम आदि करें ।  अथवा कम से कम आधा घंटा वॉक ( सैर ) धूप में करें  यदि उपरोक्त  क्रियाएँ  सम्भव ना हों तो छुट्टी के दिन एक से दो घंटा धूप का  सेवन अवश्य करें । कोशिश   करें कि सूर्य की किरणें  पूरे शरीर पर पढ़ें ।

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