01 अक्टूबर 2020

छात्रा की मौत ने पुलिस की संवेदनहीनता की कलई खोल दी


 बलरामपुर-  छात्रा की मौत ने पुलिस की संवेदनहीनता की कलई खोल दी।गैंसड़ी कोतवाली क्षेत्र में मंगलवार रात से ही पुलिस पोस्टमार्टम रिपोर्ट की रट लगाकर पीड़ित परिवार को टालती रही। जबकि मृतका की मां बेटी के अपहरण व दरिंदगी की बात कहकर छाती पीटती रही। यही नहीं, कॉलेज से लेकर घर पहुंचने तक करीब साढ़े नौ घंटे के बीच छात्रा के साथ क्या और किसने किया, इसे लेकर तरह-तरह की चर्चाएं पूरे दिन होती रहीं। एक निजी क्लीनिक के चिकित्सक ने चाचा-भतीजे के कुकर्मों की गठरी खोली, तब भी पुलिस चुप्पी साधे रही। बुधवार देर रात सामूहिक दुष्कर्म की पुष्टि होने के बाद आला अधिकारियों के हाथ-पांव फूल गए।गैंसड़ी बाजार के चिकित्सक डॉ. जियाउर्रहमान के मुताबिक छात्रा जब मकान में मिली थी, तो उसके हाथ में बीगो नहीं लगा था। वह पेट दर्द की शिकायत कर दवा मांग रही थी। जबकि छात्रा की मां ने उसके हाथ बीगो लगे होने की बात कही है। यही नहीं, पड़ोस के लोगों ने बताया कि एक रिक्शा वाला उसे पीठ पर लादकर ले जा रहा था। मामले की संवेदनशीलता को देखते हुए एसपी को भी रात में ही गैंसड़ी रवाना होना पड़ा। गुरुवार को शक्तिपीठ देवीपाटन के महंत मिथिलेश नाथ योगी, जिलाधिकारी कृष्णा करुणेश व एसपी देवरंजन वर्मा ने पीड़ित परिवार को छह लाख 18 हजार 750 रुपये का सहायता चेक दिया है। पूछने पर बताया कि इलाज के लिए ले जा रहा है। छात्रा की दोनों जूतियां झाड़ियों में दूर-दर पड़ी मिलीं। किस डॉक्टर ने बीगो लगाया, रिक्शा वाला कौन था, छात्र के घर तक दस साल का कौन बच्चा छोड़ने गया, इन सवालों का जवाब पुलिस तलाश रही है।

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