30 नवंबर 2020

कोरोना के चलते टूटी सैकड़ों वर्ष पुरानी परम्परा :सरयू नदी के घाटों पर नहीं लगा मेला

 कोरोना के चलते टूटी सैकड़ों वर्ष पुरानी परम्परा :सरयू  नदी के  घाटों पर नहीं लगा मेला 

कर्नलगंज, गोण्डा। कोरोना महामारी के चलते प्रशासन की सख्ती के कारण सकरौरा घाट पर कार्तिक पूर्णिमा का मेला नहीं लग सका और सैकड़ों वर्ष पुरानी परंपरा टूट गयी। 
    एक समय था जब सकरौरा घाट पर लगने वाले कार्तिक पूर्णिमा के मेले की गिनती जिले के प्रमुख मेलों में होती थी। यहां एक दिन पूर्व ही लोग मेले में शामिल होने के लिए आ जाते थे। लगभग तीन दशक पूर्व सरयू नदी द्वारा सकरौरा घाट छोड़ दिये जाने के कारण यहां स्नान करने के लिए पानी ही नहीं रह गया जिससे कटरा घाट पर सरयू पुल पर मेला लगने लगा। वर्तमान वर्ष में कोरोना महामारी के चलते प्रशासन द्वारा की गयी सख्ती के कारण सकरौरा घाट पर न तो कोई दुकान लगने पायी और न ही प्रशासन द्वारा घाट पर स्थित पोखरे की सफाई ही करायी गयी जिससे यहां पर कोई मेला नहीं लग सका और सैकड़ों वर्षो से चली आ रही परम्परा इस वर्ष टूट गयी। जहां सैकड़ों वर्षो से प्रतिवर्ष कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर भारी मेला लगता था तथा मेले में तिल रखने की भी जगह शेष नहीं बचती थी वहीं इस वर्ष सकरौरा घाट पूरी तरह से सन्नाटे में डूबा रहा। दूसरी ओर कटरा घाट तथा ग्राम कटरा शहबाजपुर में भी प्रशासन द्वारा दुकानें नहीं लगाने दी गयीं जिससे इन दोनों मेलों में भी भीड़ नाम मात्र की ही दिखाई पड़ी। लोग आकर पवित्र सरयू में डुबकी लगाते और घाट पर मौजूद पंडों को दान दक्षिणा देकर पुण्य अर्जित करते रहे। प्रतिवर्ष इन मेलों में जहां महिलायें भारी संख्या में गृहोपयोगी वस्तुओं की भारी मात्रा में खरीदारी करती थीं वहीं इस वर्ष दुकाने ना लगी होने के कारण उनकी यह इच्छा भी नहीं पूरी हो सकी। लोग स्नान करके अपने गंतव्य की ओर रवाना होते रहे। इस मौके पर सुरक्षा की दृष्टि से कटरा घाट और कटरा शहबाजपुर के मेलों में भारी पुलिस बल तैनात किया गया था। स्वयं कोतवाल मनीष जाट भी मौके पर मौजूद रहकर इस स्थिति का जायजा लेते रहे।

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