विश्व स्वास्थ्य संगठन की परिभाषा के मुताबिक, तेज बुखार और खांसी या तीनों या इससे अधिक लक्षण जैसे- बुखार, खांसी, कमजोरी, चक्कर आना, सिर दर्द, गले में खराश, मांसपेशियों में दर्द, नजला, उल्टी दस्त, मति भ्रम आदि हो सकता है।
मौसमी महामारी संभावित बीमारी बुखार के रूप में सामने आ सकती है जिसके लक्षण कोरोना की तरह हो। ऐसे में बुखार को छोड़ कई और चिह्न और लक्षण भी हो सकते हैं जिससे बीमारी का पता लगाने में मुश्किल आए। इसको देखते हुए दिशानिर्देश में कोरोना और मौसमी इन्फ्लुएंजा में दोनों की जांच करने की बात कही गई है।
मानसून के बाद हर साल अचानक मरीजों की संख्या बढ़ जाती है। इस बार कोरोना महामारी होने के कारण यह खतरा और अधिक बढ़ गया है। इस पर भी खतरा यह है कि कोरोना वायरस और डेंगू, मलेरिया, मौसमी फ्लू (एच1एन1), चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के लक्षण समान हैं।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने कोविड19 के साथ डेंगू, मलेरिया, मौसमी फ्लू (एच1एन1), चिकनगुनिया जैसी बीमारियों के प्रबंधन के लिए दिशानिर्देश जारी करते हुए बताया है कि मानसून के दौरान और मानसून के बाद खास भौगोलिक क्षेत्रों में बीमारियों के प्रति उच्च सतर्कता रखी जानी चाहिए।
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की गाइडलाइन
स्वास्थ्य मंत्रालय के भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद परामर्श के अनुरूप कोरोना और मलेरिया, डेंगू और चिकनगुनिया तथा फ्लू, लेप्टोसपिरोसिस आदि से संबंधित दिशानिर्देशों का अनुपालन किया जाना चाहिए। अस्पताल में कोरोना जांच के लिए रैपिड एंटीजन जांच किट की उपलब्धता सुनिश्चित की जानी चाहिए।
जानें, शरीर में पांच बदलावों से पहचानें डेंगू का संक्रमण
शुरूआती समय में किसी भी बीमारी को पहचानकर उसे रोका जा सकता है। उस समय बीमारी शरीर के किसी एक भाग में होता है। और उसे कंट्रोल दवा से हो सकता है लेकिन जब वहीं बीमारी शरीर के 50 प्रतिशत के पार पहुंच जाती है तब उसे रोक पाना मुश्किल होता है। यदि आप इस बीमारी की पहचान तभी कर पाएं, जब यह आपके शरीर में प्रवेश कर बढ़ने की कोशिश कर रहा होता है तो आप गंभीर रूप से बीमारी होने से बच सकते हैं। प्रारंभिक लक्षणों के आधार पर इस बात का पता लगाया जा सकता है कि शरीर में डेंगू का वायरस प्रवेश कर चुका है और अब यह शरीर में फैलने की कोशिश कर रहा है। यदि शुरुआती स्तर पर ही बीमारी का पता चल जाएगा तो आप इसका सही समय पर पूरा इलाज ले पाएंगे और आपको अत्यधिक दिक्कतों या जान के जोखिम का सामना नहीं करना पड़ेगा। बदलते मौसम में बुखार होना कोई बड़ी बात नहीं है। लेकिन यह बुखार शुरुआती स्तर पर काफी कम और हल्के बदन दर्द के साथ होता है। जबकि डेंगू होने पर आपको अचानक और बहुत तेजी से बुखार होगा।
डेंगू के लक्षण
शरीर में दर्द
डेंगू के दौरान आपको शरीर में बहुत दर्द होगा और शरीर टूटने की समस्या होगी। आप खुद को बहुत थका हुआ और कमजोरी का अनुभव करते हैं। साथ ही डेंगू फीवर के दौरान आपको तेज बुखार के साथ ही तेज ठंड भी लगेगी। डेंगू होने पर शुरुआती स्तर पर ही फीवर 100-102 डिग्री के बीच होता है। यदि इसका समय पर इलाज शुरू ना किया जाए तो यह बहुत तेजी के साथ बढ़ते हुए खतरनाक स्तर पर पहुंच सकता है। इसलिए आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। इसके साथ ही घर पर डेंगू से बचाव के तरीके भी अपनाने चाहिए।
आंखों के पीछे तेज दर्द होना
बुखार के साथ ही आंखों के पीछे की तरफ तेज दर्द होना भी डेंगू का एक मुख्य लक्षण है। डेंगू के दौरान रोगी को आंखें खोलने में भी दिक्कत होती है। क्योंकि आंखों में लगातार भारीपन, थकान और दर्द होता रहता है।बहुत कोशिश के बाद भी रोगी मात्र कुछ सेकंड्स के लिए आंखें खोल पाता है। अगर फीवर के साथ आंखों में दर्द की समस्या हो तो आपको डेंगू की जांच के लिए मेडिकल टेस्ट जरूर कराना चाहिए।
लगातार सिर में दर्द रहना
बुखार के दौरान सिर दर्द होना बहुत सामान्य होता है। लेकिन डेंगू के दौरान होनेवाला सिरदर्द सामान्य दर्द से काफी अलग होता है। इस दर्द के दौरान सिर में किसी एक स्थान पर लगातार झटका सा अनुभव होता रहता है,जैसे कोई चोट कर रहा हो। यह दर्द लगातार आपकी कनपटी में हिट करता रहता है और फिर पूरे सिर में स्कल तक फैल जाता है। यह दर्द इस बात का साफ संकेत होता है कि आप डेंगू की चपेट में हैं।
लगातार जी मचलाना
डेंगू के दौरान रोगी को लगातार बुखार, सिरदर्द और आंखों में भारीपन के साथ ही जी मचलाने की समस्या होती रहती है। इस कारण कई बार पेट दर्द के साथ ही उल्टियां भी हो सकती हैं।
पेट दर्द के साथ उल्टियां होना
अगर आपको इस तरह के लक्षण नजर आ रहे हैं तो समझ लीजिए कि डेंगू शरीर पर तेजी से हावी हो रहा है। इन स्थितियों में किसी भी तरह की लापरवाही जान के लिए खतरा पैदा कर सकती है। इसलिए डॉक्टर द्वारा सुझाई गई दवाओं का सही समय पर सेवन करें।
स्किन पर रैशेज होना
डेंगू के दौरान शरीर पर रैशेज दिखने लगते हैं। ये रैशेज सपाट लाल रंग के होते हैं। जैसे कि अचानक किसी चीज के हिट करने से बना हुआ निशान होता है। डेंगू से संक्रमित रोगी के शरीर पर इस तरह के रैशेज बुखार शुरू होने के 2 से 3 दिन के बाद दिखाई देने शुरू होते हैं। ये निशान आपके शरीर के किसी भी हिस्से पर दिख सकते हैं और इनमें कभी-कभी हल्की खुजली होने की शिकायत भी हो सकती है।
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