24 जनवरी 2022

राष्ट्रीय बालिका दिवस : न्यायिक मजिस्ट्रेट बन बालिकाओं ने सुनी फरियाद

राष्ट्रीय बालिका दिवस : न्यायिक मजिस्ट्रेट बन बालिकाओं ने सुनी फरियाद

गोंडा। राष्ट्रीय बालिका दिवस पर बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ व आजादी का अमृत महोत्सव के तहत बालिकाओं को अधिकारी व न्यायिक मजिस्ट्रेट बनाया गया। बालिकाओं ने अधिकारी की कुर्सी पर बैठकर लोगों की समस्याएं सुनी तथा उसका त्वरित निस्तारण के निर्देश दिए। केंद्रीय विद्यालय रेलवे कॉलोनी की 10 की छात्रा सुहानी पांडे को जिला प्रोबेशन अधिकारी बनाया गया। उन्होंने जिला प्रोबेशन अधिकारी बनाए जाने पर कार्यालय की फाइलों का जायजा लिया तथा उसके निस्तारण के निर्देश दिए। जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी ने बालिकाओं को उत्साहित करते हुए कहा कि वह अपना लक्ष्य तय करें और उसकी प्राप्ति के लिए हर संभव प्रयास करते रहे। उन्होंने कहा कि वह अपने भविष्य के निर्माता स्वयं बने। उन्होंने बालिकाओं को लक्ष्य की प्राप्ति करने, कठिन परिस्थिति से लड़ने व समाज में अपनी पहचान बनाने के टिप्स दिए। जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी गौरव स्वर्णकार ने विभिन्न प्रतियोगी परीक्षाओं के बारे में विस्तृत से जानकारी दी। उन्होंने कहा कि पढ़ाई की कोई सीमा नहीं होती है, पढ़ाई से ही बड़े से बड़े लक्ष्य और बड़ी से बड़ी कामयाबी हासिल की जा सकती है। वहीं न्याय पीठ बाल कल्याण समिति में बालिकाओं को न्यायिक मजिस्ट्रेट बनाया गया। अध्यक्ष के रूप में एम्स इंटरनेशनल की 11वीं की छात्रा मुस्कान दूबे व सदस्य के रूप में मानसी दूबे, शिवानी पांडे व सृष्टि पांडे के समक्ष रेलवे चाइल्ड लाइन द्वारा लावारिस हाल में मिले बालक को प्रस्तुत किया गया, जिस पर कार्रवाई करते हुए मुस्कान दूबे ने स्टेनो मनोज उपाध्याय को आदेशित किया कि नियमानुसार कार्यवाही करते हुए बालक को उसके माता-पिता के सुपुर्दगी में दें। न्याय पीठ के अध्यक्ष व सदस्यों ने बालिकाओं से कहा कि वह मेहनत करके पढ़ाई करें और सरकारी सेवा में जोड़कर देश की सेवा करें। इसी क्रम में जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव कृष्ण प्रताप सिंह ने बालिकाओं से वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से चर्चा किया। उन्होंने बालिकाओं, बच्चों व आमजनों के हित में काम करने का बेहतर ढंग का गुर बताएं तथा उनको शुभकामनाएं दी। सुहानी द्वारा पूछा गया कि लावारिस मिले बालकों के परिजनों के न मिलने पर क्या कार्रवाई की जाती है, जिस पर सचिव द्वारा बताया गया कि ऐसे बच्चे को संस्था में संरक्षित किया जाता है और परिजनों की खोजबीन के बाद सुपुर्द कर दिया जाता है। 

    इस दौरान चेयरपर्सन प्रेम शंकर लाल श्रीवास्तव, सदस्य रामकृपाल शुक्ला, राजेश कुमार श्रीवास्तव, प्रियंका श्रीवास्तव, वरिष्ठ सहायक अखलाक अहमद, कनिष्ठ सहायक कुबेर राम, कार्यक्रम सहायक दीपक दूबे, चाइल्डलाइन प्रभारी आशीष मिश्रा, कनिष्ठ सहायक हेमंत कुमार, संरक्षण अधिकारी नेहा श्रीवास्तव, चंद्र मोहन वर्मा, महिला कल्याण अधिकारी ज्योत्सना सिंह, जिला समन्वयक राजकुमार आर्य, आंकड़ा विश्लेषक शिव गोविंद वर्मा, नीलम सरोज, सिद्धनाथ पाठक, राजू चौधरी आदि मौजूद रहे।

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

कमेन्ट पालिसी
नोट-अपने वास्तविक नाम व सम्बन्धित आर्टिकल से रिलेटेड कमेन्ट ही करे। नाइस,थैक्स,अवेसम जैसे शार्ट कमेन्ट का प्रयोग न करे। कमेन्ट सेक्शन में किसी भी प्रकार का लिंक डालने की कोशिश ना करे। कमेन्ट बॉक्स में किसी भी प्रकार के अभद्र भाषा का प्रयोग न करे । यदि आप कमेन्ट पालिसी के नियमो का प्रयोग नही करेगें तो ऐसे में आपका कमेन्ट स्पैम समझ कर डिलेट कर दिया जायेगा।

Back to Top