गोण्डा। कोरोना के मामले बढ़ते जा रहने से स्कूल कॉलेज खोलने को लेकर संशय की स्थिति बनी है। लॉकडाउन के बाद अनलॉक के चैथे चरण में हैं और इसके लिए केंद्र सरकार की तरफ से अगस्त में गाइडलाइन जारी की गई है।. इस गाइड लाइन में 9वीं कक्षा लेकर 12वीं कक्षा तक के छात्रों के लिए स्कूल खोलने की बात कही गई थी।. इसके लिए सरकार ने कुछ नियम तय किए थे जिसमें सरकार ने स्पष्ट तौर पर इस बात पर जोर दिया था कि कोरोना काल में स्कल की तरफ से किसी भी छात्र को स्कूल आने के लिए जोर नहीं डाला जाएगा.। इसी के साथ यह भी कहा गया था कि जो भी छात्र टीचर्स से परामर्श लेने के लिए स्कूल जाएंगे उन्हें पहले अपने पैरेंट्स से एक नोट लिखा कर इजाजत लेनी पड़ेगी। पहले 21 सितंबर से देश के कई राज्यों में आंशिक तौर से स्कूल खोले जा चुके हैं, लेकिन अभी भी ज्यादातर राज्यों में स्कूल बंद हैं। राज्य सरकरों के साथ बच्चों के अभिभावक भी कोरोना काल में बच्चों को स्कूल भेजने के बारे में कोई ठोस निर्णय नहीं ले पा रहे हैं। ज्यादातर राज्यों में अभी भी बच्चे ऑनलाइन पढ़ाई पर ही निर्भर हैं। अब उम्मीद है कि सरकार स्कूल कॉलेज को सुचारु रूप से खोलने के लिए अनलॉक 5.0 गाइडलाइन में कुछ नियम तय करेगी.। . अब अक्टूबर को लेकर एक दो दिन के अंदर गाइडलाइन जारी कर सकती है.
हालांकि अभी कोरोना के बढ़ते मामले स्कूल कॉलेज को खोलने की राह में सबसी बड़ी अड़चन हैं और इसी वजह से अभिभावक भी स्कूल खोलने के पक्ष में नहीं दिख रहे हैं। संजय श्रीवास्तव रवि प्रताप सिंह अकबाल बहादुर राजेंद्र त्रिवेदी आज शिक्षकों का कहना है कि संपन्न घरानों के बच्चे तो ऑनलाइन शिक्षा ले रहे हैं लेकिन 70ः बच्चे शिक्षा बिहीन बनकर सरकार के आदेश पर आस लगाए बैठे हैं दूसरी ओर निजी विद्यालयों के शिक्षक दयनीय दशा में पहुंच चुके हैं उनका कहना है कि जब सरकार सभी सेक्टटर खोल चुकी हाय तो स्कूलों को भी गाइडलाइन क अनुसार खोलना चाहिए।
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