प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने भवन का भूमि पूजन (Bhumi Pujan) किया है.
चार मंजिला नए संसद भवन 971 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से 64500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ तक पूरा कर लिया जाएगा.
नई दिल्ली. पीएम मोदी ने इस शिलान्यास को लोकतांत्रिक इतिहास में मील का पत्थर बताया है. उन्होंने गुरुवार को कहा कि नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा और 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी करेगा.देश की राजधानी दिल्ली में नए संसद भवन का शिलान्यास हो चुका है.
नए संसद भवन (New Parliament Building) का भूमि पूजन कर शिलान्यास करने के बाद प्रधानमंत्री ने अपने संबोधन में यह भी कहा कि नए भवन का निर्माण समयऔर जरूरतों के हिसाब से बदलाव लाने का प्रयास है और आने वाली पीढ़ियां इसे देखकर गर्व करेंगी कि यह स्वतंत्र भारत में बना है. मोदी ने कहा, ‘पुराने संसद भवन ने स्वतंत्रता के बाद के भारत को दिशा दी, तो नया भवन आत्मनिर्भर भारत के निर्माण का गवाह बनेगा. पुराने संसद भवन में देश की आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए काम हुआ, तो नए भवन में 21वीं सदी के भारत की आकांक्षाएं पूरी की जाएंगी.’
'आने वाली पीढ़ियां गर्व करेंगी'
उन्होंने कहा कि आज जैसे इंडिया गेट से आगे नेशनल वॉर मेमोरियल ने नई पहचान बनाई है, वैसे ही संसद का नया भवन अपनी पहचान स्थापित करेगा. उन्होंने कहा, ‘आने वाली पीढ़ियां नए संसद भवन को देखकर गर्व करेंगी कि यह स्वतंत्र भारत में बना है और आजादी के 75 वर्ष का स्मरण करके इसका निर्माण हुआ है.’ मंच से पीएम ने कहा- 'पॉलिसी में अंतर हो सकता है, पॉलिटिक्स में भिन्नता हो सकती है, लेकिन हम जनता की सेवा के लिए हैं, इस अंतिम लक्ष्य में कोई मतभेद नहीं होना चाहिए. वाद-संवाद संसद के भीतर हों या संसद के बाहर, राष्ट्रसेवा का संकल्प, राष्ट्रहित के प्रति समर्पण लगातार झलकना चाहिए.'
नए संसद भवन के शिलान्यास को ‘ऐतिहासिक’ बताते हुए उन्होंने कहा कि आज का दिन भारत के लोकतांत्रिक इतिहास में मील के पत्थर की तरह है. उन्होंने कहा, ‘भारतीयों द्वारा, भारतीयता के विचार से ओतप्रोत भारत के संसद भवन के निर्माण का प्रारंभ हमारी लोकतांत्रिक परंपराओं के सबसे अहम पड़ाव में से एक है. हम भारत के लोग मिलकर अपनी संसद के इस नए भवन को बनाएंगे.' उन्होंने कहा 'और इससे सुंदर क्या होगा, इससे पवित्र क्या होगा जब भारत अपनी आजादी के 75 वर्ष पूरे होने पर पर्व मनाएगा, उस पर्व के साथ-साथ प्रेरणा हमारे संसद की नई इमारत बने.’
पीएम मोदी ने पुराने वक्त को याद किया
प्रधानमंत्री ने कहा कि आज 130 करोड़ से ज्यादा भारतीयों के लिए बड़े सौभाग्य और गर्व का दिन है जब सभी इस ऐतिहासिक पल के गवाह बन रहे हैं. उन्होंने कहा कि नए संसद भवन का निर्माण नूतन और पुरातन के सहअस्तित्व का उदाहरण है और यह समय तथा जरूरतों के अनुरूप खुद में परिवर्तन लाने का प्रयास है. प्रधानमंत्री ने इस अवसर पर उस दिन को भी याद किया जब 2014 में पहली बार एक सांसद के तौर पर वह संसद भवन पहुंचे थे और उस वक्त उन्होंने लोकतंत्र के इस मंदिर में कदम रखने से पहले माथा टेक कर नमन किया था.
उन्होंने कहा, ‘हमारे वर्तमान संसद भवन ने आजादी के आंदोलन और फिर स्वतंत्र भारत को गढ़ने में अपनी अहम भूमिका निभाई है. आजाद भारत की पहली संसद भी यहीं बैठी. इसी संसद भवन में हमारे संविधान (Constitution) की रचना हुई है. बाबा साहेब आंबेडकर और अन्य वरिष्ठ नेताओं ने सेंट्रल हॉल में गहन मंथन के बाद हमें अपना संविधान दिया. संसद की मौजूदा इमारत स्वतंत्र भारत के हर उतार-चढ़ाव, हमारी हर चुनौतियों और समाधान, हमारी आशा और आकांक्षाओं और हमारी सफलता का प्रतीक रही है.’
चार मंजिला नए संसद भवन का निर्माण 971 करोड़ रुपए की अनुमानित लागत से 64500 वर्ग मीटर क्षेत्रफल में किए जाने का प्रस्ताव है. इसका निर्माण कार्य भारत की स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ तक पूरा कर लिया जाएगा.
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