गोंडा- कोरोना ने हाईस्कूल स्कूल इंटर छात्रों की पढ़ाई पर लगाया ग्रहण
कोरोना महामारी कोविड-19 के चलते नौनिहालों का भविष्य अंधकार में होता जा रहा है ।उल्लेखनीय है कि गत वर्ष मार्च के महीने से ही विद्यालयों को बंद कर दिया गया था ।उसके बाद से सरकार कुछ प्रदेशों में तो विद्यालयों को खोलने की सूचना दे दी है लेकिन अभी अधिकतर प्रांतों में विद्यालय बंद पड़े हुए हैं, जिसके कारण हाईस्कूल व इंटर के छात्रों को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है ।हाई स्कूल इंटर के छात्रों को अपने पाठ्यक्रम की तैयारी के लिए विद्यालय से दूर रहना बहुत भारी पड़ रहा है ।भले ही सरकार ने पाठ्यक्रम में 30 परसेंट की कटौती कर दी हो लेकिन 70% पाठ्यक्रम की जानकारी उन्हें कैसे मिल पाएंगे। शैक्षिक सत्र के पीक आवर्स माने जा रहे जुलाई-अगस्त सितंबर अक्टूबर महीने तो कोरोना के चलते बंदी का शिकार हो चुके हैं। 21 सितंबर से खुलने वाले विद्यालयों का निर्देश भी ठंडे बस्ते में जा चुका है ।अब अक्टूबर महीने का इंतजार है कि शासन की ओर से कुछ निर्देश प्राप्त हो लेकिन कोरोना के बढ़ते आंकड़ों के चलते राज सरकारी किसी भी प्रकार का जोखिम नहीं उठाना चाहती हैं। विद्यालय खोलने के निर्देशों में पहले अभिभावक की अनुमति से बच्चों को भेजने का निर्देश जारी किया गया था लेकिन कुछ प्रांतों में अभिभावकों की सहमति ना मिल पाने के कारण राज्य सरकारों ने अपने फैसले को और रोक दिया हैं ।यदि अक्टूबर महीने भी विद्यालय खुल न सके तो हाई स्कूल और इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा का पाठ्यक्रम किसी भी प्रकार पूरा नहीं हो पाएगा और बच्चों को परीक्षा में भारी परेशानी का सामना करना पड़ेगा क्योंकि विद्यालयों के बंद हो जाने के कारण प्राइवेट कोचिंग सेंटर भी नहीं चलने दिए जा रहे हैं। इक्का-दुक्का शिक्षक एक दो बच्चों को ही केवल पढ़ा पा रहे हैं इससे मेधावी यों को पढ़ाई की चिंता सताने लगी है ।इस बारे में परवेश मिश्रा चंद्र प्रकाश शुक्ला उत्तम प्रकाश गुप्ता प्रदीप श्रीवास्तव रवि प्रताप सिंह आज शिक्षकों का कहना है कि जब बाजार माल जिम सहित सभी सेक्टर खोले जा चुके नहीं तो फिर विद्यालयों को भी सोशल डिस्टेंसिंग के साथ खोला जाना चाहिए नहीं तो बच्चों की पढ़ाई इस वर्ष चौपट हो जाएगी ।इसमें सबसे ज्यादा नुकसान मेधावी छात्रों को होगा।
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