25 सितंबर 2020

जेल की सलाखों के पीछे पहुंचा रिश्वत लेने का आरोपी दरोगा

 


मुकदमे से नाम निकालने के नाम पर घूस मांगने का आरोपी दरोगा जेल की सलाखों के पीछे पहुंच गया है। कोर्ट में पेश कर उसे गोरखपुर जेल भेज दिया गया। भ्रष्टाचार निवारण संगठन गोरखपुर के निरीक्षक अशोक कुमार सिंह की तहरीर पर गोरखपुर के गोला थाना क्षेत्र के डाड़ी के रहने वाले आरोपी दरोगा विजय प्रताप यादव के खिलाफ कोतवाली में मुकदमा दर्ज किया गया है। एसपी हेमराज मीणा ने आरोपी दरोगा को निलंबित कर दिया है। लालगंज थाना क्षेत्र के बानपुर निवासी उमेश चौधरी ने रिश्वत मांगने की शिकायत एंटी करप्शन गोरखपुर में की थी। बानपुर में दो जुलाई 2020 को धर्मेन्द्र चौधरी का शव पंखे से लटकता मिला था। इस घटना में मृतक के परिजनों ने भूमि विवाद को लेकर मारपीट को वजह बताते हुए आत्महत्या के लिए उकसाने के आरोप में बानपुर निवासी शिकायतकर्मा उमेश चौधरी समेत चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। इसकी विवेचना लालगंज थाने के एसआई विजय प्रताप यादव को सौंपी गई थी। शिकायतकर्ता उमेश चौधरी ने इस मुकदमें में कोर्ट से गिरफ्तारी पर स्टे ले लिया था। उसका आरोप है कि इसके बाद नाम निकालने के लिए विवेचक विजय प्रताप यादव ने दो लाख रुपये की डिमांड की थी। बाद में सौदा 70 हजार रुपये पर तय हो गया था। एंटी करप्शन टीम के बुधवार को बनकटी बाजार पहुंचने के बाद उमेश 40 हजार रुपये देने दरोगा को पहुंचा और इसी समय टीम ने दरोगा को गिरफ्तार कर लिया और गोरखपुर रवाना हो गई थी। एंटी करप्शन के निरीक्षक अशोक कुमार सिंह की तहरीर पर 07 भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम (1988) यथासंशोधित भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 2018 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है।

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