तो क्या यूपी में भी स्थगित होगी कांवड यात्रा ? सीएम योगी के आदेश पर प्रशासन कर रहा कांवड़ संघ से बातचीत

यूपी में भी स्थगित हो सकती है कांवड यात्रा , यूपी सरकार अनुमति पर पुनर्विचार करे
सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से कांवड़ यात्रा को अनुमति देने के अपने फैसले पर पुनर्विचार करने को कहा है। सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार से सोमवार को अपने फैसले से कोर्ट को अवगत कराने को कहा, नहीं तो कोर्ट आदेश जारी कर देगा।
सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार कहा कि देश के नागरिकों के स्वास्थ्य का अधिकार सर्वाेपरि है और धार्मिक भावनाओं सहित अन्य सभी भावनाएं इसके अधीन हैं। यूपी में कांवड़ संघ खुद ही कांवड़ यात्रा स्थगित करने का निर्णय ले सकते हैं। इस बारे में उत्तर प्रदेश प्रशासन कांवड़ संघों से बातचीत कर रहा है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने नौ जुलाई को ही कांवड़ संघों से बातचीत करने का निर्देश दिया था।
सीएम योगी ने कहा है कि अधिकारी लोकल स्तर पर कांवड़ संघ से संवाद स्थापित कर पिछले वर्ष की तरह निर्णय लेने का प्रयास करें। पिछले वर्ष भी प्रशासन से बातचीत के बाद कांवड़ संघ ने यात्रा स्थगित करने की घोषणा की थी। सीएम योगी ने कहा है कि महामारी व्यक्ति की जाति चेहरा और मजहब नहीं देखता। एसीएस होम और डीजीपी को दूसरे राज्यों से संवाद स्थापित करने को कहा गया है।
उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा को मंजूरी देने के फैसले के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई हुई। स्वतरू संज्ञान में लिए गए मामले की सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार ने कहा कि कांवड़ यात्रा की इजाजत नहीं दी जा सकती है। केंद्र सरकार ने साफ कहा है कि योगी सरकार को शिवमंदिरों तक गंगा जल उपलब्ध कराना चाहिए और कोरोना को देखते हुए हरिद्वार से कांवड़ यात्रा की अनुमति नहीं देनी चाहिए। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने कोविड-19 महामारी के दौरान उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा कांवड़ यात्रा निकालने की अनुमति देने की खबर का स्वतरू संज्ञान लिया और इस मामले पर राज्य सरकार के साथ-साथ केंद्र से भी जवाब- तलब किया था।
सुप्रीम कोर्ट ने कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आशंका के बीच यूपी में कांवड़ यात्रा की इजाजत का सुप्रीम कोर्ट ने स्वतर: संज्ञान लिया है। कोर्ट ने सरकार के इस फैसले को लोगों को भ्रमित करने वाला बताया है। कोर्ट ने कहा कि उत्तराखंड ने कोरोना की आशंका के मद्देनज़र कांवड़ यात्रा को रद्द करने का फैसला लिया है लेकिन उत्तर प्रदेश ने ऐसा नहीं किया। इस मामले में सुप्रीम कोर्ट ने यूपी, उत्तराखंड और केंद्र सरकार को नोटिस जारी किेया था। मामले में आज सुनवाई की गई।
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